श्री दिनेश सुतारिया

सचिव

"संघ सेवा सर्वोपरि, निरंतर समर्पण ही पहचान।
अनुभव अनुशासन से सजी कार्यप्रणाली हमारी शान।"

समर्पण, अनुशासन और संगठन – इन तीन स्तंभों पर आधारित तेरापंथ धर्मसंघ की सेवा करना न केवल एक दायित्व है, बल्कि एक सौभाग्य है। आचार्य प्रवर श्री महाश्रमणजी एवं श्वेत धवल सेना के चरणों में श्रद्धा से वंदन करते हुए मैं, दिनेश सुतारिया, एक बार पुनः मुंबई सभा के सचिव पद पर नियुक्त होकर आत्मिक गौरव का अनुभव कर रहा हूँ।

यह मेरा तीसरा कार्यकाल है इस गरिमामयी पद पर, और मैं अनुभव, विश्वास एवं कार्यकुशलता के साथ इस उत्तरदायित्व का निर्वहन करने हेतु संकल्पित हूँ। तेरापंथ सभा मुंबई एक संस्था मात्र नहीं, बल्कि यह समाज की धड़कन है – जो आध्यात्मिक, सामाजिक, शैक्षिक व पारिवारिक क्षेत्रों में सतत सेवा देती आई है।

पूर्व सचिवीय अनुभव ने मुझे यह सिखाया है कि परिवर्तनशील समय के साथ संस्था की दिशा और दृष्टि दोनों में नवाचार आवश्यक है। तकनीक, पारदर्शिता और सहभागी नेतृत्व – यही हमारी कार्यशैली के मूलमंत्र होंगे। हम प्रयास करेंगे कि समाज का हर वर्ग, विशेषकर युवा वर्ग, इस सेवा यात्रा का हिस्सा बने।

मेरे लिए सचिवीय दायित्व केवल एक पद नहीं, बल्कि एक सतत साधना है – संवाद की, समन्वय की और सेवा की। आगामी वर्षों में हमारी प्राथमिकताएँ रहेंगी:

- समाज के चारित्र आत्माओं एवं साधर्मिक बंधुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार

- वैवाहिक सहायता मंच का संचालन, जिससे तेरापंथ समाज के परिवारों को उचित मार्गदर्शन मिले

- शैक्षणिक व चिकित्सा सहायता हेतु पारदर्शी तंत्र का निर्माण

- तेरापंथ बिज़नेस नेटवर्क को एक संगठित दिशा देना

- हेल्थ चेकअप कैंप्स, मेडिक्लेम योजनाओं और अन्य सेवाओं के माध्यम से समाज को स्वस्थ बनाना

और सबसे महत्वपूर्ण – गुरुदेव इंगित अनुसार कार्य कर मुंबई को धर्म-सेवा का आदर्श बनाना

मैं आभार व्यक्त करता हूँ सभा के अध्यक्ष श्री माणक जी धींग एवं समस्त मुंबई समाज का, जिन्होंने मुझ पर पुनः विश्वास जताया।

हमारी टीम का उद्देश्य रहेगा – परंपरा में नवाचार, अनुशासन में संवेदना और सेवा में संकल्प।
हम सब मिलकर एक ऐसे संगठन की रचना करें, जो भविष्य के लिए प्रेरणा बने।

ॐ अर्हम्

दिनेश सुतारिया
सचिव – श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, मुंबई